Dhanbad Medical College : शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज को मिली पीजी कोर्स की मान्यता
Dhanbad Medical College के शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) को अंततः दस वर्षों के लंबे इंतजार के बाद पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) कोर्स की मान्यता मिल गई है। बुधवार की सुबह यह अहम खबर आई कि नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को मेडिसिन विभाग में 6 सीटों पर पीजी की पढ़ाई की अनुमति दी है। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. ज्योति रंजन प्रसाद को एनएमसी से ई-मेल के माध्यम से यह सूचना मिली। इसके बाद कॉलेज परिसर में खुशी की लहर दौड़ गई।
एसएनएमएमसीएच के प्रयास और उपलब्धियाँ
एसएनएमएमसीएच वर्ष 2013-14 से स्नातकोत्तर शिक्षा की मान्यता के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है। विभिन्न कारणों से हर बार मान्यता प्राप्त नहीं हो पाती थी। अब, सत्र 2024-25 से मेडिसिन, सर्जरी, ऑर्थोपेडिक्स, गायनोकोलॉजी, पैथोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री और एनेस्थीसिया जैसे सात विषयों में पीजी कोर्स प्रारंभ होने की संभावना है।
Dhanbad Medical College का विकास और आधारभूत संरचना
2017 तक, कॉलेज परिसर में 40 करोड़ रुपये की लागत से पीजी ब्लॉक और हॉस्टल का निर्माण कार्य पूरा हो चुका था। हालांकि, वर्तमान में केवल मेडिसिन विभाग को ही मान्यता मिली है, लेकिन प्रबंधन अन्य विभागों के लिए भी आशान्वित है।
पीजी कोर्स की मान्यता का महत्व
पीजी कोर्स की मान्यता मिलने से धनबाद में विशेषज्ञ चिकित्सकों की संख्या में वृद्धि होगी। यह रिम्स रांची और एमजीएम जमशेदपुर की तरह धनबाद को भी एक प्रमुख चिकित्सा शिक्षा केंद्र के रूप में स्थापित करेगा। स्नातकोत्तर शिक्षा के पूरा होने के बाद, विशेषज्ञ चिकित्सकों को स्वास्थ्य केंद्रों या मेडिकल कॉलेजों में सेवा करने का अवसर मिलेगा, जिससे आम मरीजों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
पीजी कोर्स के लाभ
- विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैयारी: पीजी कोर्स की शुरुआत से ही विभिन्न विशेषज्ञताओं में डॉक्टर तैयार होंगे, जो उन्नत चिकित्सा सेवाएँ प्रदान कर सकेंगे।
- स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार: विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता से स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों में चिकित्सा सेवाओं का स्तर ऊँचा होगा।
- धनबाद का नाम रोशन: (एसएनएमएमसीएच) की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ेगी और यह अन्य प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थानों के समकक्ष माना जाएगा।
पूर्व के प्रयास और चुनौतियाँ
2017 का असफल प्रयास
वर्ष 2017 में, मेडिकल कॉलेज ने 12 लाख रुपये खर्च कर एनएमसी की टीम को निरीक्षण के लिए आमंत्रित किया था। हालांकि, उस समय पीजी भवन और हॉस्टल का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका था, और शिक्षकों की संख्या भी पर्याप्त नहीं थी, जिसके कारण मान्यता नहीं मिल पाई।
2014 का आवेदन और उसकी स्थिति
वर्ष 2014 में, एसएनएमएमसीएच ने 32 लाख रुपये खर्च कर 16 विषयों में पीजी कोर्स के लिए आवेदन किया था। एनएमसी द्वारा निरीक्षण के बाद कुछ कमियाँ पाई गईं, जिसके कारण मान्यता नहीं दी गई।
भविष्य की योजनाएँ और आशाएँ
एसएनएमएमसीएच प्रबंधन ने अब उन कमियों को दूर कर लिया है और नई मान्यता प्राप्त करने के बाद संस्थान में और भी बेहतर सुविधाएँ प्रदान करने की योजना बनाई है। प्रबंधन की उम्मीद है कि आने वाले समय में सर्जरी, ऑर्थोपेडिक्स और स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में भी पीजी की पढ़ाई की अनुमति मिल जाएगी।
चिकित्सा शिक्षा का विकास
एसएनएमएमसीएच ने चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में अपने विकास को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न योजनाएँ बनाई हैं। सरकार और विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के सहयोग से यह संस्थान अब राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार
विशेषज्ञ चिकित्सकों की संख्या में वृद्धि से स्थानीय स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा। इससे न केवल धनबाद बल्कि आसपास के क्षेत्रों के मरीजों को भी उन्नत चिकित्सा सेवाएँ मिल सकेंगी।
निष्कर्ष
Dhanbad Medical College एंड हॉस्पिटल को पीजी कोर्स की मान्यता मिलने से धनबाद में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में एक नया अध्याय शुरू हो रहा है। प्रबंधन की कड़ी मेहनत और सरकार के समर्थन से यह संभव हो पाया है। आने वाले समय में इस संस्थान की सफलता और भी बढ़ेगी और यह चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित होगा।
यह भी पड़े