Dhanbad Cyber Crime :धनबाद में साइबर अपराध का एक महत्वपूर्ण मामला सामने आया है, जहां पुलिस ने तीन बदमाश साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इन अपराधियों ने लाखों लोगों को ऑनलाइन गेमिंग के माध्यम से ठगने का काम किया है। शनिवार को सिंदरी डीएसपी भूपेन्द्र प्रसाद राउत ने बताया कि एसएसपी को गुप्त सूचना मिली कि झरिया के बनियाहीर 10 नंबर निवासी रविरंजन कुमार ठाकुर ऑनलाइन गेमिंग करके साइबर ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहा है।
Dhanbad Cyber Crime कैसे दी गई ठगी को अंजाम
फर्जी एटीएम और सिम कार्ड का उपयोग
रविरंजन कुमार ठाकुर और उसके सहयोगियों ने फर्जी एटीएम और सिम कार्ड बनाकर लोगों को ठगी की। इन अपराधियों ने कई लोगों के बैंक खातों से धन निकालने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया।
ऑनलाइन गेमिंग के माध्यम से
ये अपराधी लोगों को ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफार्मों पर बड़ी रकम जीतने का लालच देते थे और फिर उनसे धन की मांग करते थे। इसके लिए उन्होंने लोगों से संपर्क करने के लिए कई फर्जी वेबसाइटों और ऐप्स बनाए थे।
गिरफ्तारी और बरामदगी
छापेमारी और गिरफ्तारी
एसएसपी ने गुप्त सूचना दी, जिसके आधार पर सिंदरी एसडीपीओ ने एक पुलिस बल बनाया। रविरंजन ठाकुर और उसके दो साथी किशोर कुमार सिंह और सुहैल अली अंसारी को इस टीम ने गिरफ्तार कर लिया।
बरामद सामग्री
इन अपराधियों को गिरफ्तार करने के दौरान पुलिस ने क्यूआर कोड, बैंक पासबुक, चेकबुक, फर्जी एटीएम और सिम कार्ड, मोबाइल फोन और अन्य कागजात बरामद किए। परीक्षण में पाया गया कि तीनों अभियुक्तों के खाते से एक करोड़ रुपये से अधिक की नकदी के दस्तावेज मिले हैं।
मास्टर माइंड का पता चला
राज्य और देश से बाहर का संचालन
जांच में भी पता चला कि इस गिरोह का मास्टर माइंड राज्य और देश से बाहर रहकर ठगी की घटनाओं को अंजाम देता है। वह विदेश में अपने सहयोगियों को मार्गदर्शन और तकनीकी सहायता देता था।
पुलिस की भूमिका
एसडीपीओ और थाना प्रभारी की सक्रियता
एसडीपीओ भूपेन्द्र प्रसाद राउत, जोड़ापोखर थाना प्रभारी राजेश प्रकाश सिन्हा, झरिया थाना प्रभारी और अन्य जवानों को गिरफ्तार किया गया। इन बदमाशों को पकड़ने में उनकी सक्रियता और तत्परता का ही योगदान था।
साइबर सुरक्षा के लिए जागरूकता
सतर्कता और सावधानी बरतने की आवश्यकता
इस घटना ने फिर से साबित कर दिया कि साइबर सुरक्षा में सावधानी और सतर्कता बहुत जरूरी है। ऑनलाइन गेमिंग जैसे डिजिटल प्लेटफार्मों पर अपनी निजी जानकारी और पैसे का विवरण साझा करते समय हमें बहुत सावधान रहना चाहिए।
पुलिस और साइबर क्राइम सेल की सहायता
यदि आप साइबर ठगी का शिकार होते हैं, तो तुरंत पुलिस और साइबर क्राइम सेल की सहायता लें। वे आपकी मदद करने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं और शिकायतों पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हैं।
निष्कर्ष
धनबाद में हुई साइबर ठगी की घटना ने हमें बताया कि साइबर अपराधियों से बचने के लिए हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए और किसी भी संदिग्ध घटना की सूचना तुरंत पुलिस को देनी चाहिए। इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए हमें साइबर सुरक्षा बढ़ाना होगा और लोगों को जागरूक करना होगा।
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